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भारत में प्रधानमंत्री का पद कार्यपालिका का सर्वोच्च पद होता है। प्रधानमंत्री न केवल मंत्रिपरिषद के मुखिया होते हैं बल्कि पूरे शासनतंत्र के नीति-निर्धारण में उनकी केंद्रीय भूमिका होती है।
✤ प्रधानमंत्री एवं मंत्रीपरिषद – एक परिचय:
- प्रधानमंत्री भारत के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पद पर आसीन होते हैं।
- संविधान के अनुच्छेद 75 के अंतर्गत, राष्ट्रपति ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है।
- प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष होता है, और उसकी न्यूनतम आयु 25 वर्ष निर्धारित है।
- वे कैबिनेट मंत्रियों के समूह का नेतृत्व करते हैं तथा सभी महत्वपूर्ण नीति निर्णयों में भाग लेते हैं।
- मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है और व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति के प्रति भी उत्तरदायित्व रखती है।
मंत्रीपरिषद के प्रकार:
- कैबिनेट मंत्री – सबसे वरिष्ठ, मुख्य विभागों को संभालते हैं।
- राज्यमंत्री – स्वतंत्र प्रभार या कैबिनेट मंत्री की देखरेख में कार्य करते हैं।
- उपमंत्री – अपेक्षाकृत कनिष्ठ, सीमित जिम्मेदारियाँ।
✤ भारत के प्रधानमंत्रियों का कालानुक्रमिक व विस्तृत विवरण
◆ पंडित जवाहरलाल नेहरू (1947–1964)
- भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और सबसे लंबा कार्यकाल (17 वर्ष) रखने वाले नेता।
- भारत की अंतर्राष्ट्रीय विदेश नीति (पंचशील सिद्धांत) और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के जनक।
- भारत के पहले विदेश मंत्री भी थे।
- वर्ष 1954 में पंचशील समझौता चीन के राष्ट्रपति चाऊ एन लाई के साथ किया।
- आपातकालीन शक्तियों वाले अनुच्छेद 352 का पहला प्रयोग उन्हीं के कार्यकाल में हुआ।
- प्रसिद्ध पुस्तक: “भारत की खोज” (Discovery of India)।
- वर्ष 1959 में पंचायतीराज व्यवस्था की शुरुआत नागौर (राजस्थान) से की (बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिश पर)।
- पद पर रहते निधन होने वाले पहले प्रधानमंत्री।
◆ लाल बहादुर शास्त्री (1964–1966)
- अपने सादगीपूर्ण जीवन व नीतियों के लिए प्रसिद्ध।
- 1965 में भारत-पाक युद्ध में निर्णायक भूमिका।
- “जय जवान, जय किसान” का अमर नारा दिया, जो आज भी प्रेरणास्पद है।
- ताशकंद समझौता 10 जनवरी 1966 को रूस की मध्यस्थता में हुआ।
- पद पर रहते निधन करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री।
- इनके पश्चात गुलजारीलाल नंदा ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद संभाला।
◆ इंदिरा गांधी (1966–1977)
- भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री, जिन्हें “आयरन लेडी” के नाम से भी जाना जाता है।
- 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
- शिमला समझौता (1972) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो से किया गया।
- भारत में हरित क्रांति का नेतृत्व, एम.एस. स्वामीनाथन द्वारा आरंभ।
- 1974 में पोखरण (राजस्थान) में भारत का पहला परमाणु परीक्षण।
- अनुच्छेद 352 (आपातकाल) का सर्वाधिक प्रयोग उन्हीं के शासनकाल में हुआ।
- 1976 में जनसंख्या नियंत्रण के लिए विवादास्पद कदम उठाए।
- नारा: “गरीबी हटाओ”
- ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन के विरुद्ध।
- पद पर रहते हत्या का शिकार, तीसरी और अंतिम प्रधानमंत्री जिनकी मृत्यु कार्यकाल में हुई।
- उपनाम: प्रियदर्शिनी, भारत रत्न से सम्मानित।
◆ मोरारजी देसाई (1977–1979)
- भारत के प्रथम गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री (जनता पार्टी)
- 91 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे वृद्ध व्यक्ति।
- आपातकाल के बाद जनता द्वारा चुनी गई पहली सरकार के मुखिया।
◆ चौधरी चरण सिंह (1979–1980)
- ऐसे एकमात्र प्रधानमंत्री, जिन्होंने कभी लोकसभा का सामना नहीं किया।
- 6वीं लोकसभा का कार्यकाल अधूरा रह गया, जिसके कारण 1980 में मध्यावधि चुनाव हुए।
- राष्ट्रीय किसान दिवस (23 दिसंबर) इनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है।
◆ इंदिरा गांधी (1980–1984) (पुनः नियुक्त)
- भारत की पहली प्रधानमंत्री, जो दो कार्यकालों में पद पर रहीं।
- उनकी छवि एक दृढ़ नेतृत्वकर्ता की थी।
- पद पर रहते उनकी हत्या 1984 में उनके ही सुरक्षा गार्डों द्वारा कर दी गई।
◆ राजीव गांधी (1984–1989)
- सबसे युवा प्रधानमंत्री (उम्र 40 वर्ष)
- आईटी और दूरसंचार क्रांति के प्रारंभकर्ता
- पंचायतीराज को मजबूत बनाने के लिए ठोस प्रयास, जिसे “स्वर्णकाल” कहा गया।
- श्रीलंका में भारतीय शांति सेना भेजी गई (IPKF)।
◆ विश्वनाथ प्रताप सिंह (1989–1990)
- मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू कर OBC आरक्षण को लागू करने वाले पहले पीएम।
◆ चंद्रशेखर (1990–1991)
- संकटग्रस्त गठबंधन सरकार, संसद में अल्पमत होने के बावजूद कार्यकाल संभाला।
◆ पी. वी. नरसिम्हा राव (1991–1996)
- अल्पमत में सरकार चलाने वाले पहले प्रधानमंत्री, फिर भी पूरा कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
- 1993 में 73वां और 74वां संविधान संशोधन कर पंचायतीराज और शहरी निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- भारत के आर्थिक उदारीकरण की नींव इन्हीं के कार्यकाल में रखी गई।
◆ अटल बिहारी वाजपेयी (1996)
- 13 दिन का कार्यकाल – सबसे संक्षिप्त अवधि वाले प्रधानमंत्री।
◆ एच. डी. देवगौड़ा (1996–1997)
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर प्रधानमंत्री बने।
◆ इंद्रकुमार गुजराल (1997–1998)
- “गुजराल सिद्धांत” के लिए प्रसिद्ध – जिसमें पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों को प्राथमिकता दी गई।
◆ अटल बिहारी वाजपेयी (1998–2004)
- कारगिल युद्ध (1999) के समय प्रधानमंत्री
- पोकरण परमाणु परीक्षण – मई 1998, भारत को परमाणु शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया।
- संसद पर आतंकी हमला – 2001
- प्रसिद्ध नारा: “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान”, जिसे बाद में मोदी ने जोड़ा – “जय अनुसंधान”।
◆ डॉ. मनमोहन सिंह (2004–2014)
- अर्थशास्त्री और योजना आयोग के पूर्व सदस्य, शांत और संतुलित नेतृत्व।
- भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (123)
- 2008 मुंबई आतंकी हमला
- आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की प्रक्रिया को तेज किया।
◆ नरेन्द्र मोदी (2014–वर्तमान)
- भारत के 15वें प्रधानमंत्री, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री।
- 2014 व 2019, दोनों चुनावों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला।
- प्रमुख निर्णय:
- नोटबंदी (8 नवम्बर 2016)
- GST लागू (1 जुलाई 2017)
- अनुच्छेद 370 समाप्त (5 अगस्त 2019)
- राम मंदिर निर्णय (9 नवम्बर 2019)
- विदेश नीति – “पूर्व की ओर देखो”
- प्रसिद्ध नारा: “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, जय अनुसंधान”
महत्वपूर्ण तथ्य :
- पद पर रहते निधन वाले प्रधानमंत्री:
- पं. जवाहरलाल नेहरू
- लाल बहादुर शास्त्री
- इंदिरा गांधी
- राज्यसभा से बने प्रधानमंत्री:
- इंदिरा गांधी
- एच. डी. देवगौड़ा
- इंद्रकुमार गुजराल
- डॉ. मनमोहन सिंह
- तीन बार प्रधानमंत्री बने नेता:
- जवाहरलाल नेहरू
- इंदिरा गांधी
- अटल बिहारी वाजपेयी